क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं उज्जैन संभाग डा. लक्ष्मी बघेल ने विरियाखेडी स्थित जिला प्रशिक्षण केंद्र पर बीएमओ, बीईई, बीपीएम, बीसीएम, सुपरवायजर द्वारा किए जा रहे स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में सीएमएचओ डा. प्रभाकर ननावरे ने स्वास्थ्य कार्यक्रमो की अब तक की उपलब्धि की जानकारी दी।
डा. लक्ष्मी बघेल ने कहा कि मैदानी कार्यकर्ता क्षेत्रों की गर्भवती माताओं की गर्भावस्था के समय पूरी जांच और परीक्षण करें। उन्होने बताया कि 19 वर्ष से कम उम्र में गर्भधारण, चार से अधिक बच्चे, प्रथम प्रसव, खून की कमी, 30 वर्ष से अधिक आयु में गर्भधारण, माता का रक्त आर.एच. नेगेटिव होना, ऊंचाई 145 सेमी से कम , वजन 40 किलो से कम अथवा 60 किलो से अधिक होना, उच्च रक्तचाप, डायविटीज, टीबी आदि गंभीर रोग से पीड़ित होना, झटके आना, अधिक रक्तस्राव होना, पैरों में सूजन आदि खतरे के लक्षण हैं स्थित ऐसी सभी गर्भवती माताओं को हाईरिस्क के रूप में चिन्हित किया जाए और सभी आवश्यक सेवाऐं प्रदान की जाए। सभी सुपरवाईजर इसकी नियमित मानिटरिंग करें। प्रसूति संबंधी योजनाओं में लाभ प्रदान करने के लिए गर्भावस्था के समय ही महिलाओं के खाता नंबर आदि की जानकारी ले ली जाए ताकि समय पर भुगतान किया जा सके।
डा. लक्ष्मी बघेल ने परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा की जिसमें शहरी क्षेत्रों की उपलब्धि कम पाई गई स्थित उन्होने दो बच्चों के बीच अंतर रखने और परिवार कल्याण कार्यक्रम की लक्ष्यपूर्ति के निर्देश दिए। सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि लक्ष्यपूर्ति ना करने वाले कर्मचारियों की वेतनवृद्वि रोकी जाएगी। क्षेत्रीय संचालक द्वारा कोरोना वायरस के बारे में पूर्व तैयारियों की जानकारी ली स्थित डा. जी.आर. गौड ने बताया कि चीन से आने वाले यात्रियों पर कुल 28 दिन निगरानी रखी जा रही है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों को बार-बार हाथ धोने, खांसने, छीकने के दौरान मुंह पर रूमाल रखने और भीडभाड वाले स्थानों पर सावधानी रखने की लोगों को जानकारी दें । सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण कर शून्य पर लाने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की गई।
क्षेत्रीय संचालक ने बताया कि जिले के टीबी प्रभावित क्षेत्रों के लिए मोबाईल वेन उपलब्ध कराई जाएगी। यह वेन कुछ दिनों तक जिले में रहेगी, वेन में टीबी की पूरी जांच, एक्सरे आदि की व्यवस्था रहेगी। इस वेन द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर मरीजों की जांच एवं उपचार सेवा दी जाएगी। जिला क्षय अधिकारी डा. योगेश नीखरा ने टीबी प्रभावित मरीजों के घर के बच्चों को छ: माह तक आईसोनेक्स की दवा खिलाए जाने की बात कही ताकि परिवार के बच्चों में होने वाले संक्रमण को रोका जा सके। क्षेत्रीय संचालक द्वारा कुष्ठ रोग कार्यक्रम, आईडीएसपी, गैरसंचारी रोगों, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, अनमोल एप पर प्रविष्टि करने, मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु की रिपोर्ट समय पर भेजने आदि के निर्देश दिए गए।
बैठक में सहायक सांख्यिकी अधिकारी श्री विजय गोठवाल, श्री आर.सी. सोनी, सुश्री सलोनी मेहता बायो मेडिकल उपकरण इंजीनियर, डीपीएम डा. अजहर अली, डा. प्रमोद प्रजापति, श्री राकेशसिंह, श्री आनंदीलाल जैन, श्री आशीष चौरसिया, श्रीमती सरला कुरील, डा. देवेन्द्र मौर्य, डा. शैलेष डांगे, डा. प्रतिभा शर्मा, अन्य अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित रहे।
क्रमांक-110/322/2020